Melodies of Freedom | Azadi Ka Amrit Mahotsav, Ministry of Culture, Government of India

Melodies of Freedom Detail

State Song of Punjab

दीवा मेरे वतन दा बलदा सदा रहे

दीवा मेरे वतन दा बलदा सदा रहे
बूटा आज़ादियाँ दा फलदा सदा रहे’’
कर्जा अजे बड़ा है, होया ना सुरखरू
साहां तो वध मैनु, वतन दी आबरू
जज़्बा एह मर मिटन डा, फलदा सदा रहे
गैरां दी इन मन्ने, काहदी ओ अकल है
जीऊणा अणख दा यारो , जीऊणा ही असल है
अणखां दा काफला एह, चलदा सदा रहे
दीवा मेरे वतन दा बलदा सदा रहे
जिस थां तो मिलिया मैनूं, जीवन दा चज्ज है
ओहियो ही मेरा तीर्थ, ओहियो ही हज्ज है
पैगाम इह मेरा कोई, घलदा सदा रहे
दीवा मेरे वतन दा बलदा सदा रहे
राजगुरु, सुखदेव, भगत सिंह, भुल्लेगा दस्सो कौन ?
जिन्हां निवाई आकड़ी, गोरे दी गोरी धौन
किस्सा अह वीरता दा, चलदा सदा रहे
विच इंग्लैंड पहुँच के, कीता सी डायर ढेर,
ऊधम सिंह दे उधम दी, गल्ल छिडे जद फेर
वैरी ताँ ओहदे सेंक नू, झलदा सदा रहे
दीवा मेरे वतन दा बलदा सदा रहे
मंजल उरों जे रूकीये सानू हराम है
जित्तां तो घट ना साड्डा, आपणा मुकाम है
हत्थां नूं कोई वैरी, मलदा सदा रहे
दीवा मेरे वतन दा बलदा सदा रहे

दीया मेरे वतन का


दीया मेरे वतन का जलता सदा रहे
पौधा आजादियों का फलता सदा रहे!
कर्जा अभी बड़ा है, हुआ ना मुक्त हूँ
साँसों से अधिक मुझे वतन की आबरू
जज्बा ये मर मिटने का, पलता सदा रहे!
गैरों की अकड़ माने, कैसी वह अक्ल है
जीवन गैरत का यारों, जीवन ही असल है!
गैरतों का काफिला ये, चलता सदा रहे!
दीया मेरे वतन का जलता सदा रहे!!
जिस जगह से मिला मुझे जीवन का ढंग है
वही है मेरा तीर्थ, वही मेरा हज्ज है
पैगाम ये मेरा कोई, भेजता सदा रहे
दीया मेरे वतन का जलता सदा रहे !!
राजगुरु, सुखदेव, भगत सिंह, भूलेगा बताओ कौन
जिन्होंने झुकवाई अकड़ी हुई, गोरे की गोरी होंद
किस्सा ये वीरता का, चलता सदा रहे !
दीया मेरे वतन का जलता सदा रहे !!
पहुँच के बीच इंग्लैंड, किया था डायर ढेर
ऊधम सिंह के उधम की, बात चले जब फेर
वैरी उसके सेंक को, सहता सदा रहे
दीया मेरे वतन का जलता सदा रहे !!
मंजिल से पहले रुकना, हमको हराम है
जीत से कम ना हमारा अपना मुकाम है
हाथों को कोई वैरी मलता सदा रहे !
दीया मेरे वतन का जलता सदा रहे !

Author: Sri Surjit Marjara. Sent to MOC & SNA

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