हरियाणा को नशामुक्त करने के लिए रविवार को एक ऐतिहासिक पहल हुई। प्रदेश के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने, नशीली दवाओं के दुरूपयोग और अवैध तस्करी के खिलाफ अन्तर्राष्ट्रीय दिवस 26 जून के मौके पर, करनाल की मधुबन पुलिस अकादमी स्थित हर्षवर्धन ऑडोटोरियम में हरियाणा राज्य स्वापक नियंत्रण ब्यूरो की ओर से आयोजित एक कार्यक्रम में नशामुक्त अभियान की कार्य योजना को रोल आउट यानी सार्वजनिक कर एक पुस्तिका का विमोचन किया। इसके साथ ही देश में इस तरह के एक्शन प्लान को लॉंच करने वाला हरियाणा पहला राज्य बन गया है। कार्यक्रम का शुभारम्भ मुख्यमंत्री ने दीप प्रज्जवलित कर किया।
इस अवसर पर अपने संबोधन में मुख्यमंत्री ने कहा कि सडक़े और इन्फ्रास्ट्रक्चर जैसे विकास के साथ-साथ समाज और उसमें रहने वाले व्यक्ति का विकास भी जरूरी है। इसके लिए उसकी शिक्षा, संस्कार और नशे जैसे गलत आदतों से रोककर उसका चरित्र निर्माण किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि नशा अपने आप में एक व्यापक शब्द है और इसके कईं मायने है। सत्ता का नशा, ताकत का नशा, अच्छे काम का नशा, दौलत का नशा और एक नशा भगवत भक्ति का भी है। नशीली चीजों का उपयोग करना सबसे खराब नशा है। इससे व्यक्ति का संतुलन बिगड़ जाता है और उसका विकास रूक जाता है। यह व्यक्ति के साथ-साथ परिवार को खोखला कर देता है। नशे का संबंध केवल इसके उपयोग करने तक ही सीमित नहीं बल्कि यह राष्ट्रीय और अन्तर्राष्ट्रीय सीमाओं तक फैला हुआ है। इसे रोकना हालांकि चुनौती है, लेकिन प्रयासों से सब कुछ संभव हो जाता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अब सरकार, एनजीओ व समाज के सभी लोग मिलकर नशे के खिलाफ लड़ाई लड़ेंगे। इसके लिए हरियाणा राज्य स्वापक नियंत्रण ब्यूरो ने सभी विभागों के सहयोग एवं जन भागीदारी के साथ समाज से नशे और नशे के व्यापार को जड़मूल से समाप्त करने तथा एक ठोस और सामुहिक प्रयास को क्रियान्वित करने के लिए एक राज्य कार्य योजना तैयार की है। उन्होंने कहा कि नशे में लिप्त हो रहे युवाओं के स्वास्थ्य वर्धन और उनके पुनर्वास के लिए ब्यूरो की यह पहल अनूठी साबित होगी। इस प्लान में नशे से ग्रस्त व्यक्ति की पहचान करके उसे उचित परामर्श और चिकित्सा देकर उसका पुनर्वास किया जाना शामिल है।